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“जिंदा लोगों को ‘मरा’ दिखाकर करोड़ों की ठगी! आंवला पुलिस ने फर्जी पेंशन गैंग का किया भंडाफोड़ – 1.23 करोड़ रुपये उड़ाए”

रिपोर्ट/ हैदरअली

बरेली। सरकारी पेंशन के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश आंवला पुलिस ने किया है। गिरोह का तरीका सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई — ये ठग जिंदा लोगों को कागज़ों में “मृत” दिखाकर फर्जी विधवा और वृद्धावस्था पेंशन पास कराते थे। इस खेल में अब तक करीब 1.23 करोड़ रुपये की सरकारी राशि हड़पी जा चुकी है।बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है — हरीश कुमार (बसंत विहार कॉलोनी), शांति स्वरूप (शास्त्रीगली), मुनीष (बिलौरी) और प्रमोद (सेंधा, भमोरा)।जांच में खुलासा हुआ कि हरीश जनसेवा केंद्र और एसबीआई मित्र चलाता था, जहां दस्तावेजों की फर्जीबाजी होती थी। वहीं शांति स्वरूप, मुनीष और प्रमोद गांव–गांव जाकर गरीब व अनपढ़ लोगों को “पैसा डबल स्कीम” और “महामाया योजना” जैसी झूठी योजनाओं का लालच देकर उनका आधार कार्ड और कागज़ात जुटाते थे।फिर हरीश जनसेवा केंद्र के जरिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाता, और जिंदा व्यक्ति को “मृत” दिखाकर उसके नाम पर पेंशन स्वीकृत करा दी जाती। बाद में पेंशन की रकम सीधे गैंग के सदस्यों और उनके परिचितों के खातों में पहुंचती थी।पुलिस को आरोपियों के पास से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों की छह कॉपियां और कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। पकड़े गए चारों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस रिकॉर्ड में कुछ आरोपियों पर पहले से भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।इस खुलासे में राजेश बाबू मिश्रा, सचिन कुमार, अमरीश शर्मा, राजेश रावत और इंद्रपाल सिंह समेत पुलिस टीम की अहम भूमिका रही। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। चार साल से सक्रिय था गिरोह 58 फर्जी लाभार्थी बनाए 1.23 करोड़ रुपये की सरकारी रकम गायब हरीश के जनसेवा केंद्र से होता था सारा खेल

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