
पत्रकार हैदर अली /
बरेली (उत्तर प्रदेश):बरेली के सीएमओ कार्यालय में तैनात डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद अंसारी की कार्यप्रणाली को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, जब निजी अस्पतालों या अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों की उनसे मुलाकात होती है, तो वे दफ्तर के आधिकारिक कक्ष में बात करने के बजाय ऑफिस के बगल बनी एक निजी जगह पर चले जाते हैं।सूत्र यह दावा भी कर रहे हैं कि ऐसा कई बार होते देखा गया है, जिससे यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर ऐसी कौन-सी बातें हैं जिन्हें सरकारी दायरे और रिकॉर्ड से बाहर रखा जा रहा है?स्वास्थ्य विभाग के नियमों के मुताबिक आधिकारिक बैठकों का रिकॉर्ड में और ऑफिस के निर्धारित स्थान पर होना अनिवार्य माना जाता है। ऐसे में दफ्तर से हटकर गुप्त रूप से मुलाकात करना नियमों की पारदर्शिता पर सवालिया चिन्ह लगा रहा है।जनता भी अब जानना चाहती है कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े मामलों में ऐसी गोपनीयता क्यों? निजी अस्पतालों से मुलाकातों को छुपाने की क्या मजबूरी?> नोट: यह खबर किसी पर सीधा आरोप लगाने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और नियम पालन को लेकर उठ रहे सवालों को सामने लाने के लिए प्रकाशित की जा रही है।
