पत्रकार हैदर अली
बरेली के पीलीभीत बायपास रोड स्थित बीसलपुर चौराहे पर संचालित के.जी.एन सहारा हॉस्पिटल एक बार फिर चर्चाओं में है। आरोप है कि यह हॉस्पिटल डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद के संरक्षण में नियमों के विपरीत संचालन कर रहा है, खासतौर पर बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे मेडिकल सेटअप को लेकर। स्थानीय लोगों के साथ स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने भी हॉस्पिटल में कई अनियमितताओं की ओर संकेत किया है, जिसके बाद जिला स्वास्थ्य महकमे पर भी सवाल उठने लगे हैं।मिली जानकारी के अनुसार, के.जी.एन सहारा हॉस्पिटल का बेसमेंट अस्पताल गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय भवन संहिता (NBC) और फायर सेफ्टी मानकों के अनुसार अस्पतालों को बेसमेंट में मरीजों का इलाज या किसी प्रकार की चिकित्सीय गतिविधि संचालित करने की अनुमति नहीं होती। बेसमेंट केवल पार्किंग या स्टोर जैसी गैर-मानवीय गतिविधियों के लिए ही अनुमोदित किया जा सकता है। लेकिन यहां कथित रूप से इलाज, उपकरणों का इस्तेमाल और स्टाफ की तैनाती की जा रही है, जो कि बड़े हादसे का कारण बन सकती है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि अस्पताल में न सिर्फ बेसमेंट का गलत इस्तेमाल हो रहा है, बल्कि कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और लाइसेंस को लेकर भी संदेह बना हुआ है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से मिलीभगत कर लंबे समय से बिना उचित मानकों के इलाज चला रहा है। खासतौर पर डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक के संरक्षण का आरोप मामले को और गंभीर बना रहा है।हॉस्पिटल परिसर में निरीक्षण की मांग लगातार तेज होती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि हॉस्पिटल में फायर सेफ्टी ऑडिट अपडेट नहीं है, आपातकालीन निकासी मार्ग भी नियमों के अनुरूप नहीं हैं। यदि ऐसी स्थिति में आग जैसी कोई दुर्घटना होती है तो भारी जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।स्थानीय निवासियों का यह भी कहना है कि कई शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया। इससे विभागीय अधिकारियों पर पक्षपात और लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि जब भी कोई जांच की मांग की जाती है, मामले को दबा दिया जाता है या औपचारिकता पूरी कर रिपोर्ट बंद कर दी जाती है।लोगों का मानना है कि अस्पताल प्रबंधन को स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों का सीधा संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। खासकर बेसमेंट में संचालित गतिविधियों को लेकर क्षेत्र में रोष है।सामाजिक संगठनों और क्षेत्रीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से अस्पताल की विस्तृत जांच कराने, बेसमेंट में चल रही अवैध गतिविधियों को तत्काल बंद कराने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन जल्द ही टीम भेजकर जांच करेगा।जनहित और सुरक्षा को देखते हुए स्थानीय नागरिकों ने कड़ा कदम उठाने की मांग की है, ताकि ऐसे अस्पताल नियमों के अनुरूप ही संचालित हों और लोगों की जान जोखिम में न पड़े।
