
सै. हैदर उस्मान
बरेली / सिविल लाइंस स्थित आई एम ए हाल में शनिवार शाम को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और चिकित्सक डॉ. अनीस बेग द्वारा आयोजित ‘एक शाम एकता के नाम’ मुशायरे ने साहित्य प्रेमियों का दिल जीत लिया। यह आयोजन बरेली की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का एक अनूठा प्रयास साबित हुआ। कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं से माहौल को भावुक और उत्साहपूर्ण बना दिया, जबकि हजारों की संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।मुशायरे में सपा के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की, जिनमें शमीम खां सुलतानी, शुभलेश यादव, प्रमोद बिष्ट, अशोक यादव, एडवोकेट हुरिया रहमान, हरिओम प्रजापति, दीपक बाल्मीकि, दिलीप बाल्मीकि, खुसरो मिर्ज़ा, ओम प्रकाश मौर्य, जमुना प्रसाद मौर्य, डॉ. शाज़िब अंसारी, डॉ. गयासुल अंसारी और ओम पाल प्रजापति शामिल रहे। बरेली के अलावा अन्य शहरों से भी कवि पहुंचे, जिन्हें डॉ. अनीस बेग ने फूलमाला और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। अन्य उपस्थित कवियों में आरिश रईस, शाश्वत, माणिका दुबे, मध्यम सक्सेना, उन्नति राधा शर्मा, शरीक कैफ़ी, वसीम नाजिर, सलीम सिद्दीकी, मोहन मुंतजर, अनुज कपूर, मुंतजिर फिरोजाबादी, सलमान सईद, अली शरीक और कमल शर्मा प्रमुख थे।कार्यक्रम की शुरुआत होते ही कवियों ने अपनी शायरी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि आरिश रईस ने कहा, “जिंदगी कट नहीं सकती अदाकारी में, है बहुत लोग बिछड़ जाते हैं मक्कारी में। नए बच्चे मोहब्बत पड़ रहे हैं, मेरी एक दोस्त टीचर बन गई है।” वहीं, शाश्वत की पंक्तियां रही, “उस लड़की ने ऐसे आशिक बदले हैं, जैसे कोई तितली फूल बदलती है।” इन रचनाओं ने प्रेम, जीवन की नश्वरता और सामाजिक बंधनों जैसे विषयों पर गहन चिंतन कराया, जिसकी श्रोताओं ने खूब सराहना की।डॉ. अनीस बेग ने संबोधित करते हुए कहा, “यह मुशायरा बरेली की एकता, कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास है। समाजवादी पार्टी हमेशा से साहित्यकारों, कवियों और शायरों का सम्मान करती आई है। लगातार हो रहे पीडीए सम्मेलनों और पंचायतों के माध्यम से हम लोगों के विचारों को निखारने और नई प्रतिभाओं को मंच देने का काम कर रहे हैं। कला किसी भी समाज की पहचान होती है, और ऐसे आयोजनों से युवा अपनी भावनाओं को व्यक्त कर पाते हैं।”शमीम खां सुलतानी ने डॉ. बेग के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा, “राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा कला को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।” मुशायरे में उपस्थित लोगों ने डॉ. बेग को धन्यवाद देते हुए उनके नेतृत्व में एकता और सांस्कृतिक जागरण के लिए काम करने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल साहित्यिक उत्सव बना, बल्कि सामाजिक सद्भाव का प्रतीक भी।डॉ. अनीस बेग, जो बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में भी विख्यात हैं, ने पहले भी 15 अगस्त को ‘जश्न-ए-आजादी’ मुशायरे का सफल आयोजन किया था, जो हजारों लोगों की उपस्थिति में संपन्न हुआ था। ऐसे प्रयास बरेली को सांस्कृतिक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
