बरेली की शाहदाना वली दरगाह एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां दो खोए हुए बच्चों, सूफियान और गायज़, को उनके परिवार से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। ये दोनों बच्चे आगरा के सेमार खेड़ा, ताज पैलेस के पास अपनी ननिहाल आए हुए थे। बच्चों की मां फरहा ने बताया कि सुबह 11 बजे दोनों बच्चे कुछ सामान लेने निकले थे, लेकिन जब वे वापस नहीं लौटे तो परिवार में हड़कंप मच गया। घंटों की तलाश के बाद भी बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला, जिससे परिवार बेहद परेशान था।इसी बीच, एक नेकदिल व्यक्ति को बच्चे मिले, जिन्हें उन्होंने शाहदाना वली दरगाह पहुंचाया। दरगाह के मुतवल्ली अब्दुल वाजिद खान नूरी और मीडिया प्रभारी वसी अहमद वारसी ने तुरंत इसकी जानकारी सभी संबंधित ग्रुपों और सोशल मीडिया पर साझा की। उनकी इस तत्परता के कारण बच्चों की खबर परिवार तक पहुंची। बच्चों के मिलने पर मां फरहा उन्हें सीने से लगाकर खूब रोईं। पिता इरफान और अन्य परिजनों ने अब्दुल वाजिद खान नूरी और वसी अहमद वारसी का दिल से शुक्रिया अदा किया और उनकी इस नेक पहल के लिए दुआएं दीं।अब्दुल वाजिद खान नूरी ने कहा, “दरगाह शाहदाना वली हमेशा से लोगों की मदद के लिए जानी जाती है। बच्चों को उनके परिवार से मिलाने की खुशी अवर्णनीय है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति में दरगाह से संपर्क करें।संपर्क सूत्र: अब्दुल वाजिद खान नूरी – 9259550536यह घटना दरगाह शाहदाना वली की सामाजिक सेवा और मानवता के प्रति समर्पण का एक और उदाहरण है।

