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मुख्य चिकित्साधिकारी पर पत्रकारों के अपमान का आरोप, निजी अस्पतालों पर सवालों से बौखलाए

बरेली में मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. विश्राम सिंह पर पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार और अपमान करने का गंभीर आरोप लगा है। मामला तब गरमाया जब दो समाचार पत्रों के पत्रकारों ने उनसे जिले में मानकों के उल्लंघन और अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों के बारे में सवाल पूछे। आरोप है कि सवालों से असहज होकर डॉ. विश्राम सिंह ने पत्रकारों को कुर्सी से उठने के लिए कह दिया और अपमानजनक रवैया अपनाया।पत्रकारों ने पूछे ये सवालपत्रकारों ने डॉ. विश्राम सिंह से तीन अहम सवाल किए, जिनका जवाब देने के बजाय उन्होंने बात टालने की कोशिश की:हुसैन बाग का इंडियन हॉस्पिटल: पत्रकारों ने पूछा कि हुसैन बाग में स्थित इंडियन हॉस्पिटल बिना पंजीकरण के कैसे संचालित हो रहा है, जहां एक ट्रक ड्राइवर अब डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहा है।बीसलपुर रोड का लक्ष्य हॉस्पिटल: बीसलपुर रोड पर टीन की छत के नीचे चल रहे लक्ष्य हॉस्पिटल के बारे में सवाल किया गया कि यह किस नियम के तहत संचालित हो रहा है, जबकि यह मानकों का उल्लंघन करता प्रतीत होता है।डॉ. आफताब का मेडिकल कैंप: पत्रकारों ने पूछा कि डॉ. आफताब आलम ने ठिरिया निजावत खां के नगरपालिका सभागार में बिना विभागीय अनुमति के मेडिकल परीक्षण कैंप कैसे आयोजित किया।पत्रकारों का अपमानसवालों का जवाब देने के बजाय, डॉ. विश्राम सिंह ने पहले पत्रकारों को इधर-उधर भटकाने की कोशिश की। जब पत्रकार नहीं माने, तो उन्होंने “साहब आ गए हैं, कुर्सियां खाली करो” कहकर दोनों पत्रकारों को कुर्सी से उठने के लिए कह दिया। पत्रकारों का आरोप है कि यह व्यवहार उनकी बौखलाहट और सवालों से घबराहट का परिणाम था, जिससे उनका अपमान हुआ।निजी अस्पतालों पर मेहरबानी का आरोपजिले में कई निजी अस्पताल मानकों के विपरीत संचालित हो रहे हैं, और डॉ. विश्राम सिंह पर इनके खिलाफ कार्रवाई में नरमी बरतने का आरोप है। इसके उलट, झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल कसने में भी स्वास्थ्य विभाग की नाकामी सामने आ रही है। पत्रकारों का कहना है कि जब वे इन मुद्दों पर जवाब मांगते हैं, तो सीएमओ जवाब देने के बजाय अपमानजनक रवैया अपनाते हैं।स्वास्थ्य विभाग की चुप्पीअभी तक स्वास्थ्य विभाग या डॉ. विश्राम सिंह की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह घटना बरेली में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठा रही है।

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