

बरेली: सारथी एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना अब्दुल रऊफ खाँ साहब की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 1902 में जन्मे मौलाना अब्दुल रऊफ खाँ ने अपने 96 वर्षों के जीवनकाल में देश और समाज के लिए अनगिनत योगदान दिए। उनके जीवन और कार्यों को याद करते हुए सोसायटी ने उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।जीवन परिचय और योगदानमौलाना अब्दुल रऊफ खाँ, जिनके पिता स्व. मौलवी अब्दुल गफूर खाँ थे, ने 1935 में श्रीमती बेगम अफसरी से विवाह किया। उनके तीन पुत्र और पाँच पुत्रियाँ थीं। मौलाना ने सप्ताहिक समाचार पत्र मसावात (बरेली) के संपादक के रूप में समाज को जागरूक करने का कार्य किया। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कोर्ट सदस्य, जामिया उलमा (उ.प्र.) के जनरल सेक्रेटरी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (के.एम.पी.पी.), बरेली जल बोर्ड और जिला शहर कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे। इसके अतिरिक्त, वे ऑल इंडिया जमीयत उलमा-ए-हिन्द के सक्रिय सदस्य और मुस्लिम मास कॉन्टैक्ट कमेटी (उ.प्र.) के कनवीनर भी थे।स्वतंत्रता संग्राम में योगदानमौलाना ने 1940 में कांग्रेस के व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया, जिसके लिए उन्हें 1942 में डी.आई.आर. के तहत बरेली जिला जेल में बंद किया गया। 1948 में वे गुडविल मिशन (यू.पी. फॉर पाकिस्तान) के नेता रहे। 1958 से वे लगातार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे।सादगी और सिद्धांतों का प्रतीकप्रख्यात लेखक प्रताप चंद्र आज़ाद ने मौलाना की सादगी का वर्णन करते हुए लिखा, “मैंने कभी मौलाना को रिक्शे पर बैठे नहीं देखा। पतला-दुबला, लंबी शख्सियत वाला यह शख्स पैदल ही अपने मित्रों, सहयोगियों और अधिकारियों से मिलने जाता था।” मौलाना दिखावे के सख्त खिलाफ थे, और उनकी यह सादगी और सिद्धांतों ने उन्हें 96 वर्ष तक समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनाए रखा।मौलाना का प्रेरणादायी संदेशमौलाना अक्सर फारसी का एक शेर दोहराया करते थे:निकोई बा बदां करदन चुना अस्त। कि बद करदन बरूपे नेक मरदां।अर्थात, “बुरे आदमी के साथ भलाई करना वैसा ही है, जैसे भले आदमी के साथ बुराई करना।” यह शेर उनके जीवन दर्शन और समाज सेवा के प्रति उनकी सोच को दर्शाता है।सारथी सोसायटी का संदेशसारथी एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी ने मौलाना के कार्यों को याद करते हुए कहा, “मौलाना अब्दुल रऊफ खाँ की उपलब्धियाँ अनगिनत हैं। उनके जीवन से हमें सादगी, सत्य और समाज सेवा की प्रेरणा मिलती है। हम उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश और समाज की बेहतरी के लिए कार्यरत रहेंगे।”मौलाना अब्दुल रऊफ खाँ की पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति को नमन करते हुए, सारथी सोसायटी ने उनके योगदान को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने का संकल्प दोहराया।
