Homeप्रदेशए के पैथोलॉजी लैब पर फर्जी हस्ताक्षर का खेल, स्वास्थ्य महकमा मौन

ए के पैथोलॉजी लैब पर फर्जी हस्ताक्षर का खेल, स्वास्थ्य महकमा मौन

रिठौरा कस्बे में स्थित ए के पैथोलॉजी लैब के खिलाफ गंभीर आरोपों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगभग बीस दिन पहले एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए यह खुलासा हुआ था कि इस लैब में झोलाछाप द्वारा डॉक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर के साथ मरीजों की जांच रिपोर्टें तैयार की जा रही हैं। इसके बावजूद, स्वास्थ्य महकमा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय लैब को संरक्षण प्रदान करता नजर आ रहा है।स्थानीय लोगों और सूत्रों के अनुसार, ए के पैथोलॉजी लैब में बिना योग्यता वाले व्यक्ति द्वारा फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए जांच रिपोर्टें बनाई जा रही हैं, जो मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। इस मामले को कई बार स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष उठाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का दावा है कि लैब को स्वास्थ्य महकमे का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते यह गैरकानूनी गतिविधियां बेरोकटोक जारी हैं।स्थानीय निवासियों में इस बात को लेकर गहरा रोष है। एक स्थानीय व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “यह लैब मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रही है। फर्जी रिपोर्ट्स के आधार पर इलाज गलत हो सकता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे हुए है।”स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि आम जनता के बीच अविश्वास को भी बढ़ावा दे रही है।विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पैथोलॉजी लैब को केवल एमडी पैथोलॉजिस्ट द्वारा संचालित किया जाना चाहिए, और जांच रिपोर्ट पर केवल योग्य पैथोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर ही मान्य हैं। ऐसे में ए के पैथोलॉजी लैब का यह कारनामा कानून का खुला उल्लंघन है। स्थानीय लोग अब मांग कर रहे हैं कि स्वास्थ्य महकमा इस मामले की गंभीरता को समझे और तत्काल कार्रवाई कर लैब के खिलाफ कठोर कदम उठाए। जब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, मरीजों के स्वास्थ्य पर खतरा बना रहेगा।

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