

बरेली । उर्स-ए-सक़लैनी के मौके पर हज़रत शाह सकलैन अकेडमी ऑफ़ इंडिया बरेली की ओर हर साल की तरह इस साल भी एक इज्तिमाई निकाह कार्यक्रम किया गया। जिसमें 43 ज़रूरतमंद जोड़ों के निकाह करा कर शादी के पवित्र बंधन में बांधा गया। प्रोग्राम की शुरुआत बाद नमाज़ अस्र शाम 6 बजे तिलावते कलामे पाक से की गई।प्रोग्राम की सरपरस्ती ख़ानक़ाह सकलैनिया शराफ़तिया के सज्जादानशीन शाह ग़ाज़ी मियां ने की। मुफ़्ती फ़हीम अज़हरी सकलैनी ने अपने ख़िताब में कहा कि शादियों में फुजूल खर्चों और नाजायज़ रस्मों को खत्म करें और निकाह को आसान करें, हदीस ब्यान करते हुए कहा कि “निकाह इतना आसान बनाओ कि ज़िना मुश्किल हो जाए” इस्लाम में जहेज़ देना या मांगना बिल्कुल पसंद नहीं किया गया, आज शादियों में होने वाली फुजूल रस्में नाजायज़ व गलत हैं, मेरी तमाम वालिदैन से गुज़ारिश है कि वो अपने बच्चों की शादियां शरीयत के मुताबिक सादगी के साथ करें जिससे आने वाली नस्लें फर्माबरदार व नेक बनें। 43 जोड़ों के निकाह कराए गए जिसमें सभी जोड़ों को घरेलू ज़रूरत रोज़मर्रा का सामान जैसे- बैड,अलमारी, बक्सा, बर्तन, चूल्हा, कपड़े, सिलाई मशीन, कुर्सियां आदि सामान तोहफ़े में दिये गए, सभी जोड़ों ने ये सामान पाकर खुशी का इज़हार किया और एकेडमी का शुक्रिया अदा किया।प्रोग्राम के आख़िर में सज्जादानशीन ग़ाज़ी मियां ने सभी जोड़ों को अपनी दुआओं से नवाज़ा और कहा कि अपनी ज़िंदगी दीन ओ शरीयत के मुताबिक गुज़ारें और जो नाजायज़ व हराम रस्में हैं उनसे बचें, साथ ही उन्होंने मुल्क व शहर के अमन, सलामती, खुशहाली के लिए दुआ की। और सभी धर्मों व कौमों के लोगों को एक दूसरे के साथ मिलजुल कर प्रेम-सौहार्द से रहने का पैग़ाम दिया।इस दौरान अल्लामा शाहिद शेख़, मौलाना रिफ़ाक़त नईमी, अल्लामा मौलाना आबिद सकलैनी, हाफ़िज़ गुलाम गौस, मौलाना रूम्मान क़ादरी, मौलाना मुख़्तार सकलैनी, मौलाना आमिल सकलैनी, हाफ़िज़ जाने आलम सकलैनी, मौलाना हाफ़िज़ नफीस, हाफ़िज़ अमान, हाफ़िज़ जब्बार, मुर्तुजा सकलैनी, हमजा सकलैनी,मुंतसिब सकलैनी, हाजी लतीफ़ सकलैनी, हाजी इंतिज़ार सकलैनी, मेराज हसन सकलैनी, हसीब रौनक सकलैनी, ज़िया सकलैनी आदि मौजूद रहे।
