


बरेली / स्वास्थ्य विभाग की सख्ती को खुली चुनौती देते हुए बरेली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मिनी बाईपास पर स्थित खुसरो अस्पताल, जिसे सितंबर 2024 में गंभीर अनियमितताओं के चलते सील किया गया था, उसी इमारत में अब नए नाम से अस्पताल खोलने की तैयारी होने की बात सामने आ रही है। हैरानी की बात यह है कि सीएमओ कार्यालय के रिकॉर्ड में आज भी पुराना अस्पताल “सील” दिखाया जा रहा है, जबकि सूत्रों के मुताबिक उसी इमारत के लिए नया पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है। नियमों की खुलेआम अनदेखी के आरोपसूत्रों के अनुसार, यह पूरा मामला Clinical Establishment Act-2010 और UP Clinical Establishment Rules-2016 के उल्लंघन की ओर इशारा करता है।कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि:यदि कोई इमारत आधिकारिक रूप से “सील” है, तो बिना जांच और उच्चस्तरीय अनुमति के वहां नया पंजीकरण देना नियमों के खिलाफ है।इस तरह की प्रक्रिया को धोखाधड़ी और प्रशासनिक मिलीभगत की श्रेणी में देखा जा सकता है। उठ रहे हैं बड़े सवालअब पूरे जिले में सवाल गूंज रहे हैं: ❓ क्या नियमों को दरकिनार करके नया अस्पताल खोलने की अनुमति दी गई?❓ क्या इसमें अधिकारियों की मिलीभगत है क्या मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है?⚖️ कानूनी धाराओं की भी चर्चासूत्रों के मुताबिक, यदि इस मामले में आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह केस IPC की धारा 420, 468 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आ सकता है। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जनता की आवाज़स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है: मामले की तत्काल उच्चस्तरीय जांच हो विवादित पंजीकरण को रद्द किया जाए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो
