
रिपोर्ट/ मुस्ताक़ सिद्दीकी
बरेली। शादी के नाम पर दहेज की भूख इंसानियत को किस हद तक शर्मसार कर सकती है, इसका दर्दनाक उदाहरण सामने आया है। कैंट थाना क्षेत्र की एक विवाहिता ने अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।पीड़िता के मुताबिक, उसका निकाह 11 अगस्त 2024 को जिलानी पुत्र अब्दुल रहमान निवासी परतापुर चौधरी से हुआ था। मायके वालों ने अपनी हैसियत से बढ़कर करीब 30 लाख रुपये खर्च कर गृहस्थी का पूरा सामान दिया। लेकिन इसके बावजूद ससुरालवालों ने कम दहेज लाने का ताना देकर विवाहिता से एक कार, 200 गज का प्लॉट और 5 लाख रुपये की नकद मांग करनी शुरू कर दी।विवाहिता का आरोप है कि मांग पूरी न होने पर उसका पति जिलानी आए दिन गाली-गलौच और मारपीट करता रहा। साथ ही ससुर अब्दुल रहमान, सास मशरूफन, देवर कलीमुरहमान और ननद जाकिया भी लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देते रहे। स्थिति इतनी बिगड़ी कि देवर कलीमुरहमान ने विवाहिता पर गलत नज़र डालनी शुरू कर दी और मौका पाकर छेड़छाड़ करता रहा।पीड़िता का सबसे गंभीर आरोप यह है कि 9 सितंबर 2025 की रात करीब 11 बजे उसका देवर कलीमुरहमान जबरन कमरे में घुस आया और उसकी मर्जी के खिलाफ बंधक बनाकर शारीरिक शोषण किया। जब विवाहिता ने अगले दिन साहस जुटाकर ससुरालवालों को यह बात बताई तो सभी ने मिलकर उसे बुरी तरह पीटा और गला तक दबाया। बाद में नवजात बेटे सहित उसे घर से धक्के मारकर निकाल दिया गया। धमकी दी गई कि अगर वह दोबारा कार, जमीन और नकद रकम लेकर नहीं आई तो उसे जान से मार दिया जाएगा।विवश होकर विवाहिता किसी तरह मायके पहुंची और अब उसने थाने में लिखित तहरीर देकर न्याय और कड़ी कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है।यह मामला न सिर्फ दहेज लोभ की पराकाष्ठा को उजागर करता है बल्कि पारिवारिक रिश्तों के भीतर छिपी दरिंदगी और महिलाओं की असुरक्षा की जमीनी हकीकत भी सामने लाता है। सवाल यह है कि कब तक बेटियों को दहेज और दरिंदगी की इस दोहरी मार का शिकार होना पड़ेगा?
