Homeउत्तर प्रदेशटैक्स इंस्पेक्टर तुषार श्रीवास्तव 50,000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

टैक्स इंस्पेक्टर तुषार श्रीवास्तव 50,000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

बरेली। भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन, बरेली की टीम ने शनिवार को नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर तुषार श्रीवास्तव को 50 हज़ार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी नगर निगम परिसर में ही की गई, जिसने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है।क्या था मामला?यह कार्रवाई संजय नगर, बरेली के निवासी विजय कुमार चंद्रा की शिकायत पर की गई। विजय कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि टैक्स इंस्पेक्टर तुषार श्रीवास्तव ने उनके घर के गृहकर और सीवर कर में हुई गलत प्रविष्टि को सुधारने के बदले में उनसे रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया और सीधे भ्रष्टाचार निवारण संगठन से संपर्क किया।कैसे हुई गिरफ्तारी?शिकायत की गंभीरता को देखते हुए, भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने इसकी पुष्टि के लिए गोपनीय जांच की। जब शिकायत सही पाई गई, तो पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन, उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देश पर एक विशेष योजना बनाई गई। इस योजना में अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, और बरेली मंडल की ट्रैप टीम को शामिल किया गया।शनिवार, 30 सितंबर को, दोपहर करीब 12:45 बजे, निरीक्षक इस्तियाक वारसी के नेतृत्व में पूरी टीम ने नगर निगम परिसर में जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी टैक्स इंस्पेक्टर तुषार श्रीवास्तव ने शिकायतकर्ता विजय कुमार चंद्रा से पचास हजार रुपए की रिश्वत की रकम ली, टीम ने उन्हें मौके पर ही दबोच लिया।कानूनी कार्रवाई और अपीलगिरफ्तारी के बाद, आरोपी तुषार श्रीवास्तव के खिलाफ बरेली के सुभाष नगर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल, पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने इस कार्रवाई के माध्यम से आम जनता को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने अपील की है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी काम के लिए रिश्वत की मांग करता है, तो तुरंत इसकी शिकायत करें। लोग इसके लिए पुलिस उपाधीक्षक, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, बरेली के मोबाइल नंबर 9454405475 या निरीक्षक के नंबर 9454401653 पर संपर्क कर सकते हैं। यह कार्रवाई दर्शाती है कि आम जनता की जागरूकता और शिकायतें ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार हैं।

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